तमिलनाडु में कुछ समय से चल रहे इस मामले पर अब तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य ऑनलाइन गेमिंग प्रतिबंध के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
जिसका मतलब होगा कि तमिलनाडु में इन ऑनलाइन रमी और पोकर गेम को खेलना अब गैर-कानूनी होगा।
तमिलनाडु राज्यपाल ने इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, बता दें कि,
यह दूसरी बार है जब दक्षिण भारतीय राज्य द्वारा जुआ खेलने पर रोक लगाने वाला कानून बनाया गया है।
मामले में पहले के कानून को मद्रास उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था,
एक अध्यादेश छह महीने का होता है और स्थायी कानून बनने के लिए, इसे समाप्त होने से पहले विधायिका द्वारा पारित किया जाना चाहिए।
इस बार सरकार सावधानी से यह सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ी है कि,
जब अगर अदालतों के सामने इसे चुनौती दी जाए तो कानून का बचाव किया जा सके।
सरकार की ओर से कहा गया कि उसे जनता और हितधारकों से 10,735 ईमेल मिले हैं, जिनमें से 10,708 ईमेल प्रतिबंध के पक्ष में हैं।
बताए गए नए नियमों के अनुसार उसका उल्लंघन करने वाले को जुर्माने और जेल की सजा को निर्धारित किया गया है।
जुर्माना 5 हज़ार से 5 लाख के साथ-साथ तीन महीने और एक वर्ष तक जेल हो सकता है।
नियमों को लेकर यह बताया गया है कि,
स्थानीय ऑनलाइन गेम प्रदाता सरकार द्वारा पंजीकरण प्राप्त करने के बाद ही सेवा प्रदान कर सकते हैं।
आगे अधिसूचना में कहा गया कि कोई भी ऑनलाइन गेम प्रदाता कोई ऑनलाइन गेमिंग सेवा प्रदान नहीं करेगा।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने तमिलनाडु सरकार से इस अध्यादेश पर पुन विचार करने का आग्रह किया।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो राज्य पर इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है,
बंद होने के बाद अधिक से अधिक लोगों अवैध वेबसाइटों पर जाकर जूआ खेलेंगे।